दहशत
जो नारों के डर से मजहब बदल लिए।
पैजामे के नाड़े छोड़ तहमद बदल लिए।।
उनका धर्म तो डर है केवल, वैसे तो नंगे ही है।
भारत ने धनवान बनाया, वैसे तो फिखमंगे ही हैं।।
औरंगजेब ने डटकर बोला, बोलो तुम अल्ला हु अकबर।
सोते जगते अल्ला अल्ला, ये सब था तलवारों का डर ।।
तुम में दम है तुम भी बोलो, “यदि भारत में रहना होगा ।
काशी, मथुरा सब कुछ छोड़ो, बंदे मातरम कहना होगा।।”
अपना शौर्य दिखलाओगे तो, सब, बोलेंगे बजरंगबली ।
तहमद छोड़ लंगोट धरेगे, भूल जायेंगे अली वली।।
जय हिंद, जय भारत