दहशत है व्यापार (दोहे )
क्या समझेंगे बेअदब, .होता है क्या प्यार !
जिनका जीवन जुल्म है, दहशत है व्यापार !!
नकदी की तंगी बढ़ी, ..सुस्त पड़ा व्यवसाय !
घातक होगा जो कभी, किया न शीघ्र उपाय !!
रमेश शर्मा.
क्या समझेंगे बेअदब, .होता है क्या प्यार !
जिनका जीवन जुल्म है, दहशत है व्यापार !!
नकदी की तंगी बढ़ी, ..सुस्त पड़ा व्यवसाय !
घातक होगा जो कभी, किया न शीघ्र उपाय !!
रमेश शर्मा.