Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2023 · 1 min read

……..दहलीज…….

……..दहलीज…….

फर्क है तुमने और तुम्हारी बातों मे
समझ ही न पाए कई मुलाकातों में
मिले हो हर बार नए ही अंदाज मे
उजाला हो जैसे दिन और रातों मे

कभी गुरुर तो कभी शोखी नजर आया
कभी शाम तो कभी सहर नजर आया
तुम बिन यूं तो हम जागे हैं कई रातों मे
उभरा दर्द हो जैसे कोई जज्बातों मे

खुदा करे खैर की अब न हो कभी
फिर तुमसे कोई मुलाकात हमारी
कर लेंगे बसर हम जिंदगी अपनी
रह जाने दो ये चाहत फकत यादों मे

करनी है नही पार मुझे दहलीज ऐसे
बादल हों रंगीन भले ढलती शाम जैसे
माना की चांदनी रात मे साथ तारों का है
धूप की तपिश मे मगर उजाला बहुत है

आज के भीतर ही दिखता है कल भी
कल भीतर ही संवरता है आज भी
इसी आज और कल का भीतर ही जीवन है
जीवन के भीतर ही हैं हम भी समाज भी
…………………….
मोहन तिवारी,मुंबई

90 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
*जाते देखो भक्तजन, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*जाते देखो भक्तजन, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2654.पूर्णिका
2654.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैं
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैं
पूर्वार्थ
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
सत्य कुमार प्रेमी
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
Dr Archana Gupta
जै मातादी
जै मातादी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"दोस्ती-दुश्मनी"
Dr. Kishan tandon kranti
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
আগামীকালের স্ত্রী
আগামীকালের স্ত্রী
Otteri Selvakumar
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
शेखर सिंह
असफलता अनाथ होता है।
असफलता अनाथ होता है।
Dr.Deepak Kumar
दिल को तेरी
दिल को तेरी
Dr fauzia Naseem shad
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
घे वेध भविष्याचा ,
घे वेध भविष्याचा ,
Mr.Aksharjeet
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
समय जो चाहेगा वही होकर रहेगा...
समय जो चाहेगा वही होकर रहेगा...
Ajit Kumar "Karn"
عظمت رسول کی
عظمت رسول کی
अरशद रसूल बदायूंनी
आधुनिक युग और नशा
आधुनिक युग और नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पल
पल
*प्रणय प्रभात*
वक्त
वक्त
Dinesh Kumar Gangwar
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं, ग़रीब तब ताबीज पर यकीन करने लग
दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं, ग़रीब तब ताबीज पर यकीन करने लग
Jogendar singh
ज़िंदगी  ने  अब  मुस्कुराना  छोड़  दिया  है
ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
Lokesh Sharma
हम भी तो देखे
हम भी तो देखे
हिमांशु Kulshrestha
बदल सकता हूँ मैं......
बदल सकता हूँ मैं......
दीपक श्रीवास्तव
Loading...