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27 Dec 2023 · 1 min read

दहन

ये धुआँ सा कहाँ से उठता है ?

फ़िज़ा में ये सुगबुगाहट कैसी है ?

लगता है कहीं कुछ जल रहा है ,

माहौल में ये चुप्पी कैसी तारी है ?

लगता है चुप रहना ‘अवाम की मजबूरी है ,

हर शख्स दिल में एक दहन लिए जी रहा है ,

बेचैन दिल का ग़ुबार लब़ों तक आने को मचल रहा है ।

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