दशहरा आज
【१】
घर-घर में उत्साह है, पर्व दशहरा आज ।
होता नाश अधर्म का, करें धर्म पर नाज ।।
【२】
जो करते अन्याय है, मिटता उनका राज ।
रावण वंश बचा नहीं, ढह गए सब ताज ।।
【३】
जो अपने सुख के लिए, देता सबको कष्ट ।
यह निश्चय तुम जान लो, वो भी होता नष्ट ।।
【४】
अपने मन के क्रोध पर, अंकुश रखिए आप ।
क्रोधातुर रहकर सदा, हो जाते है पाप ।।
——-जेपीएल