*दशरथनंदन राम (भक्ति गीत)*
दशरथनंदन राम (भक्ति गीत)
★★★★★★★★★
दुनिया के मालिक हे प्रभुवर, दशरथनंदन राम
करो – करो स्वीकार हमारे, सौ – सौ बार प्रणाम
(1)
मन – मंदिर में बसो हमारे, प्रभु जी कभी न जाना
कभी हृदय से दूर न रखना अपना मधुर ठिकाना
आठों याम हमारे मुख पर, बसे तुम्हारा नाम
(2)
साँस-साँस गुण गाए धड़कन, यश की कथा सुनाए
सिंहासन- वनवास एक-सा, समझ सिर्फ तुम पाए
मर्यादा अनुशासन सात्विक-भावों के सुखधाम
(3)
भाई का आदर्श पुत्र – सा, सिखलाते तुम जीना
तुम्हें कला आती जीने की, हँसकर विष को पीना
अभिनंदन कर रही सुबह है ,अभिनंदन है शाम
(4)
अंत समय जो तुम्हें याद करता है ,वह तर जाता
परम सत्य तुम अंतिम – यात्रा का तुमसे ही नाता
कला जिंदगी को जीने की ,तुम में भरी तमाम
दुनिया के मालिक हे प्रभुवर दशरथनंदन राम
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451