दशम गुरु दशमेश
———दोहे दशम गुरु दशमेश———–
————————— ———————
दशम गुरु गोबिंंद सिंह जी,कार्य किए महान
निज की भी कुर्बानी दी,पिता-सुत भी कुर्बान
पटना शहर जन्म लियो,नांदेड़ अंतिम सांस
खालसा पंथ सेनापति,सिखन धर्म का दास
जब तक. रहेगी सृष्टि , नाम रहे सिख पंथ
आज्ञा हुई अकाल की,गुरु मान लियो ग्रंथ
माता गुजरी लाडला , नौंवें गुरु के लाल
साहिब-जीत-सुंदरी पति,जगत अन्दर कमाल
मुगलों संग थी जंग लड़ी ,खानदान बलिदान
चारों कोमल लाडले , धर्म खातिर कुर्बान
पंज प्यारे ही खालसे , छठवां निज का नाम
गुरु गोबिंद राय से हुआ,गुरु गोबिंद सिंह नाम
केश-कंघा-कड़ा-कृपाण,कच्चेरा पंज ककार
खालसा अर्थ है छिपा, बीच में पंज ककार
सिख धर्म के अंतिम गुरु, दसवें गुरु दशमेश
सुखविंद्र नाम जप करो,कट जाए दुख कलेश
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)