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2 Dec 2021 · 1 min read

दवाई धूप है (गीतिका)

दवाई धूप है (गीतिका)
———————————————
सर्दियों में सौ दवाई की दवाई धूप है
सर्दियों में खुशनसीबों ने ही खाई धूप है (1)

मूँगफलियाँ छीलकर मस्ती में खाने का मजा
और ही होता है जब सर्दी में छाई धूप है (2)

हीटरों को छोड़कर बिल्डिंग से बाहर तो चलो
हर तरफ देखो तो कैसी खिलखिलाई धूप है।(3)

जीना चढ़ना दर्द से घुटनों के कारण बंद है
यह बुढ़ापे की सजा है मिल न पाई धूप है (4)

क्या गजब का आइडिया है आपका भगवान जी
कंपकंपाती ठंड में जो यह बनाई धूप है
—————————————————-
रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.) मो.9997615451

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