दलील
तुम जो उनपे उँगली उठाने पे आ जाओगे
तो फिर सियासत के निशाने पे आ जाओगे
हमने तो सिर्फ़ सच्चाई की दलील माँगी थी
क्या पता था कि तुम क़सम खाने पे आ जाओगे
तुम जो उनपे उँगली उठाने पे आ जाओगे
तो फिर सियासत के निशाने पे आ जाओगे
हमने तो सिर्फ़ सच्चाई की दलील माँगी थी
क्या पता था कि तुम क़सम खाने पे आ जाओगे