Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2023 · 2 min read

दलित समुदाय।

🌷 दलित समुदाय 🌷
कोंई बता सकता है,तो बता दीजिए मुझको कारण।
क्यों हैं ॽएकाधिकार, वेदों पर,
केंवल पढ़ सकते हैं ब्राह्मण।।
हिंदू हैं हम ,हिंदू रहेंगे,पर विरोध का है कुछ कारण।
किसने किया दूर हमें,
न करने दिया शिक्षा धारण।।
शिक्षा से दलित दुर रहा,
अशिक्षा थी लाचारी।
दबंग बने शहंशाह, दलित को बनाएं भिखारी।।

किसने कहा दलित हमें ,यह बात किसी ने जाना।
कुछ समुदाय विशेष ने,
दबंग अपने को माना।

नियम बताते लाखों लाखों,,
करतें नहीं खुद पालन।
कोई बता सकते हैं तो बता दीजिए इसका कुछ कारण।।

लहर उठा अब , विद्वानों में
आने लगी सुमानी।
अंग्रेज़ तो अंग्रेज थे,
दबंगो का सहे गुलामी

क्या बताएं, वक्त की हालत
मचा हुआ था हा हा कार।
घर की बहुएं,खींच ले जाते,
बेटियों पर होते अत्याचार।।
दलित दबे पड़े थे,
कहीं नहीं था सुनता का नाम।
खाते थे मार दबंगों का,
करते थे दबंग दुर्व्यवहार।।

छुआछूत दलित से करते,
गुण गाते थे चारण।
कोंई बता सकते हैं,तो बता दीजिए, मुझको कुछ कारण।।

चरण पखारू, आरती उतारू,
देशभक्त बलिदानी का।
कोटि कोटि नमन है,
हिन्दू धर्म बलिदानी का।।

आज़ भी एकाधिकार करतें हैं ब्राह्मण।
कोनी बता सकता है तो बता दीजिए मुझको कुछ कारण।।
वेद ब्यास ने वेद लिखा, बाल्मीकि रामायण।
श्रीकृष्ण ने गीता सुनाया,
क्या यह सब थे ब्राम्हण।।

छीन लिया अधिकार हमारा
कर लिया स्वयं धारण।
कोई बता दीजिए मुझको कुछ कारण।।

अब उबल पड़ा है गाडगे खुश,
पुछ रहा दलित चारण।
दबंग दलित में क्यों भेद हुआ,
पुछ रहा हैं विजय चारण।।

कोंई बता सकता है तो बता दीजिए,
दलित समुदाय बनने का कारण।।

Language: Hindi
2 Likes · 445 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऋतुराज
ऋतुराज
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
ruby kumari
सीख का बीज
सीख का बीज
Sangeeta Beniwal
मैं चट्टान हूँ खंडित नहीँ हो पाता हूँ।
मैं चट्टान हूँ खंडित नहीँ हो पाता हूँ।
manorath maharaj
आध्यात्मिक शक्ति व नैतिक मूल्यों से ध्यान से मानसिक शांति मि
आध्यात्मिक शक्ति व नैतिक मूल्यों से ध्यान से मानसिक शांति मि
Shashi kala vyas
जिस यात्रा का चुनाव
जिस यात्रा का चुनाव
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"शबाब"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रणय
प्रणय
Neelam Sharma
नज़र चाहत भरी
नज़र चाहत भरी
surenderpal vaidya
3758.💐 *पूर्णिका* 💐
3758.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
पूर्वार्थ
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
मनमुटाव अच्छा नहीं,
मनमुटाव अच्छा नहीं,
sushil sarna
भगवती दुर्गा तेरी महिमा- भजन -अरविंद भारद्वाज
भगवती दुर्गा तेरी महिमा- भजन -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
गलतियां वहीं तक करना
गलतियां वहीं तक करना
Sonam Puneet Dubey
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
आक्रोष
आक्रोष
Aman Sinha
Har Ghar Tiranga
Har Ghar Tiranga
Tushar Jagawat
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
Ranjeet kumar patre
मेरी प्रेरणा
मेरी प्रेरणा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
गरीबी
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सफलता के लिए हमें अनुभव के साथ तर्कसंगत की भी आवश्कता है, तभ
सफलता के लिए हमें अनुभव के साथ तर्कसंगत की भी आवश्कता है, तभ
Ravikesh Jha
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
शिव प्रताप लोधी
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Agarwal
हाइकु (मैथिली)
हाइकु (मैथिली)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"" *जब तुम हमें मिले* ""
सुनीलानंद महंत
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN
Loading...