दर पर आया है
*** दर पर आया है **
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कोई दर पर आया है,
कुछ संदेशा लाया है।
पूजा जैसे तुम प्यारे,
मन मंदिर जो छाया है।
ऑंखों से है वो ओझल,
मेरा दिल घबराया है।
आँसू से सागर भरता,
बारिश सा बरसाया है।
बूझो तो कोई जाने,
अंदर तक उलझाया है।
कोशिश तो करके देखो,
बारीकी समझाया है।
मनसीरत तो है माने,
ये मामला गहराया है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)