दर्शन की ललक
दर्शन की ललक है आजा।
रोम- रोम महक है आजा।।
मधुर मुरलिया तान सुना दे,
कुंठित हिया दहक है आजा।
तम गहराया मन पर मेरे,
तेरी आभ दमक है आजा।
मधुर प्रेम की वर्षा करदे
खुशियाँ रही चटक हैं आजा।
गिरिधर गोवर्धन बनवारी,
नीलम हिया कसक है आजा।।
नीलम शर्मा ✍️