Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2024 · 1 min read

दर्द

तू दर्द समेटे रहती हैं,
तू मुझसे सब कुछ कहती हैं।

तू मुझको अपना सखा कहे,
तू खुद को मेरी सखी कहे।।

तू भोली भाली प्यारी सी,
तू सबसे प्यारी न्यारी सी।

तू फूलो की एक क्यारी सी,
तू दर्द छुपाए हारी सी।।

तू अपराध बोध मे रहती हैं,
तू डर डर के क्यो कहती हैं।

ललकार भारद्वाज

Language: Hindi
52 Views
Books from ललकार भारद्वाज
View all

You may also like these posts

खुश रहने की वजह
खुश रहने की वजह
Sudhir srivastava
मां तेरे आंचल से बढ़कर कोई मुझे न दांव रहता है।
मां तेरे आंचल से बढ़कर कोई मुझे न दांव रहता है।
Rj Anand Prajapati
अंतरिक्ष के चले सितारे
अंतरिक्ष के चले सितारे
डॉ. दीपक बवेजा
भजन-श्री श्याम बाबा
भजन-श्री श्याम बाबा
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
VINOD CHAUHAN
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
दो पाटन की चक्की
दो पाटन की चक्की
Harminder Kaur
ऐसे साथ की जरूरत
ऐसे साथ की जरूरत
Vandna Thakur
काश
काश
Sidhant Sharma
नजरिया
नजरिया
Shekhar Deshmukh
प्रेम स्मृति
प्रेम स्मृति
SURYA PRAKASH SHARMA
जीवन सरल चाहते हो तो
जीवन सरल चाहते हो तो
करन ''केसरा''
मुझे नज़र आती है
मुझे नज़र आती है
*प्रणय*
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
Ashwini sharma
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कुछ तो मेरी वफ़ा का
कुछ तो मेरी वफ़ा का
Dr fauzia Naseem shad
नव वर्ष तुम्हारा स्वागत।
नव वर्ष तुम्हारा स्वागत।
Sushma Singh
होता नहीं किसी का
होता नहीं किसी का
Sukeshini Budhawne
बातें सब की
बातें सब की
हिमांशु Kulshrestha
किस मिटटी के बने हो यार ?
किस मिटटी के बने हो यार ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
हैं राम आये अवध  में  पावन  हुआ  यह  देश  है
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
Anil Mishra Prahari
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
अहमियत
अहमियत
पूर्वार्थ
"तगादा का दर्द"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं क्या खाक लिखती हूँ ??
मैं क्या खाक लिखती हूँ ??
MUSKAAN YADAV
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
3937.💐 *पूर्णिका* 💐
3937.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मां
मां
Shutisha Rajput
इंतज़ार
इंतज़ार
Dipak Kumar "Girja"
Loading...