दर्द
इतनी नाराज़गी क्यों
क्यों इतना ग़ुस्सा है
हम दोनों का रिश्ता
टूट रहा हिस्सा हिस्सा है
हो कितनी भी नफ़रत
प्यार एक दिन
जीत ही जाता है
कितनी नादान थी मैं
वो दिन कहाँ आता है
हमें दर्द के साथ
जीना आ जाता है
रेखांकन।रेखा
इतनी नाराज़गी क्यों
क्यों इतना ग़ुस्सा है
हम दोनों का रिश्ता
टूट रहा हिस्सा हिस्सा है
हो कितनी भी नफ़रत
प्यार एक दिन
जीत ही जाता है
कितनी नादान थी मैं
वो दिन कहाँ आता है
हमें दर्द के साथ
जीना आ जाता है
रेखांकन।रेखा