दर्द
दूसरे रूम में बैठे रमेश के चीखने की आवाज आ रही थी– तंग आ गया हूं मैं इस औरत से, रोज -रोज कोई ना कोई बखेड़ा खड़ा कर देती है !अलग क्यों नहीं हो जाती!
दूसरे रूम में बैठी मधु एकदम से उठकर रमेश के रूम में आई और कहने लगी –चलो तलाक ले लेते हैं। तुम्हें मुझसे छुटकारा मिल जाएगा और मुझे तुमसे। रमेश को भी उसका यह सुझाव पसंद आया। दोनों तलाक की अर्जी देते हैं और फिर उनका तलाक हो जाता है । मधु अपने बच्चों को लेकर देहरादून चली जाती है और वहीं एक स्कूल में शिक्षिका बन जाती है। रमेश भी सप्ताह में एक बार बच्चों का हाल-चाल लेने के लिए फोन कर देता था। देखते- देखते समय बीतने लगा और आज रमेश की रिटायरमेंट है।पर यह क्या! रिटायरमेंट के दो दिनों बाद ही रमेश को कोविड हो गया और इतना विकराल कि उसे आई. सी. यू. में भर्ती कराना पड़ा। मधु को जब यह बात पता चली तब वह आनन-फानन में रांची आ गई और रमेश का ध्यान रखने लगी। उसकी मेहनत रंग लाई और रमेश कुछ दिनों में ही ठीक हो गया । उसके बाद रमेश घर आ गया । कुछ घंटों बाद मधु मुस्कुराती रमेश के कमरे में प्रवेश करती है और कहती है- कैसे हो रमेश ? मधु की आवाज सुनकर रमेश हक्का-बक्का रह जाता है। तुम क्या कर रही हो ? -रमेश पूछता है। मधु कहती है -मैं तुमसे मिलने आई हूं। जब तुम्हें कोविड हो गया था तब मैं बहुत चिंतित हो गई थी। यह सुनते ही रमेश की आंखों में खुशी और पश्चाताप के आंसू बहने लगे और उसने मधु को सीने से लगा लिया। मधु की आंखों से आंसू बहने लगे । तभी मधु ने चुहल करते हुए कहा छोड़ो भी और बहुत देर तक पूरा कमरा उनकी हंसी से गुंजायमान रहा।
दूसरे रूम में बैठे रमेश के चीखने की आवाज आ रही थी– तंग आ गया हूं मैं इस औरत से, रोज -रोज कोई ना कोई बखेड़ा खड़ा कर देती है !अलग क्यों नहीं हो जाती!
दूसरे रूम में बैठी मधु एकदम से उठकर रमेश के रूम में आई और कहने लगी –चलो तलाक ले लेते हैं। तुम्हें मुझसे छुटकारा मिल जाएगा और मुझे तुमसे। रमेश को भी उसका यह सुझाव पसंद आया। दोनों तलाक की अर्जी देते हैं और फिर उनका तलाक हो जाता है । मधु अपने बच्चों को लेकर देहरादून चली जाती है और वहीं एक स्कूल में शिक्षिका बन जाती है। रमेश भी सप्ताह में एक बार बच्चों का हाल-चाल लेने के लिए फोन कर देता था। देखते- देखते समय बीतने लगा और आज रमेश की रिटायरमेंट है।पर यह क्या! रिटायरमेंट के दो दिनों बाद ही रमेश को कोविड हो गया और इतना विकराल कि उसे आई. सी. यू. में भर्ती कराना पड़ा। मधु को जब यह बात पता चली तब वह आनन-फानन में रांची आ गई और रमेश का ध्यान रखने लगी। उसकी मेहनत रंग लाई और रमेश कुछ दिनों में ही ठीक हो गया । उसके बाद रमेश घर आ गया । कुछ घंटों बाद मधु मुस्कुराती रमेश के कमरे में प्रवेश करती है और कहती है- कैसे हो रमेश ? मधु की आवाज सुनकर रमेश हक्का-बक्का रह जाता है। तुम क्या कर रही हो ? -रमेश पूछता है। मधु कहती है -मैं तुमसे मिलने आई हूं। जब तुम्हें कोविड हो गया था तब मैं बहुत चिंतित हो गई थी। यह सुनते ही रमेश की आंखों में खुशी और पश्चाताप के आंसू बहने लगे और उसने मधु को सीने से लगा लिया। मधु की आंखों से आंसू बहने लगे । तभी मधु ने चुहल करते हुए कहा छोड़ो भी और बहुत देर तक पूरा कमरा उनकी हंसी से गुंजायमान रहा।