दर्द
दुखाता है कोई दिल जब तो आँखें पोंछ लेता हूँ
बहुत जब दर्द बढ़ता है तो आँसू रोक लेता हूँ
तेज होती है जब जब भी कभी साँसों की गर्माहट
खोलकर अपनी आँखों को मै साँसें रोक लेता हूँ
अशोक मिश्र
दुखाता है कोई दिल जब तो आँखें पोंछ लेता हूँ
बहुत जब दर्द बढ़ता है तो आँसू रोक लेता हूँ
तेज होती है जब जब भी कभी साँसों की गर्माहट
खोलकर अपनी आँखों को मै साँसें रोक लेता हूँ
अशोक मिश्र