दर्द
हम दर्द को पैरहन किए बैठे थे
तुम मिले तो होठ हसने लगे थे
अब जाके हमें होस आया है जना
तुम तो दिल से दिलगी किए बैठे थे
~ सिद्धार्थ
हम दर्द को पैरहन किए बैठे थे
तुम मिले तो होठ हसने लगे थे
अब जाके हमें होस आया है जना
तुम तो दिल से दिलगी किए बैठे थे
~ सिद्धार्थ