दर्द
बना कर अश्क ऑखो से बहाया है सदा हमनें
छुपा कर गीत मे किस्सा सुनाया है सदा हमनें
न पूँछो दर्द के अहसान कितने है शरद तुझ पर
तुम्हारे बिन इसे साथी बनाया है सदा हमने
©
शरद कश्यप ” शरद “
बना कर अश्क ऑखो से बहाया है सदा हमनें
छुपा कर गीत मे किस्सा सुनाया है सदा हमनें
न पूँछो दर्द के अहसान कितने है शरद तुझ पर
तुम्हारे बिन इसे साथी बनाया है सदा हमने
©
शरद कश्यप ” शरद “