दर्द
थे कहां तुम ,जब थी जरुरत हमें,
अब मृत्यु के पश्चात क्यो चिल्ला रहे हो,
कहां गई अम्मा मोरी?
नौ महीने गर्भ में पाला था,
दर्द ना जाने कितने सही,
पर, मुख से उॅह ना निकला,
रातों के निंदिया को कर,
तुम्हें चैन से सुलाया,
पर, जब कहते बुढ़िया पागल है,
तब टुट जाता कलेजा मेरा,
ना जाने कितने कष्ट दिए,
पर, कभी शिकायत ना कि तुमसे,
सोचा सुधर जाएगा समय के साथ,
पर, हमें हि फेंक दिया चौराहे पर (old age home)
पर, जब विदा हो चले दुनिया से,
तो फिर क्यों कर रहे हो सोर सरावां
“मां” तो तेरी उस दिन ही मर गई
जब पुछा”क्या किया मेरे लिए?”
अब इस लाश को प्रेम कर ,
क्या दिखाना चाहते हो?