दर्द हो तो मुस्कुराना चाहिए
दर्द हो तो मुस्कुराना चाहिए
ग़म मिले तो खिलखिलाना चाहिए
हर किसी को आबदाना चाहिए
एक छोटा आशियाना चाहिए
हौसला इतना भी रखना है सदा
ज़िन्दगी को आज़माना चाहिए
राह सच्ची ढूंढनी है गर तुम्हें
क़ल्ब अपना भी जगाना चाहिए
प्यार से कोई बुलाए घर अगर
उसके घर बेशक़ से जाना चाहिए
डर के आगे जीत होती है सदा
डर को भी डटकर डराना चाहिए
आपको लोगों से मतलब ही नहीं
आपको लेकिन ज़माना चाहिए
जेब से जाती नहीं जब दौलतें
प्यार तो सब पर लुटाना चाहिए
सच अगर देखा बदल सकते हैं वो
आइना उनको दिखाना चाहिए
गाँव में तकलीफ़ थी ठाली पड़े
शह्’र में आनन्द आना चाहिए
– डॉ आनन्द किशोर