दर्द में भी मुस्कुराना चाहिए
एक नुस्खा आजमाना चाहिए
दर्द में भी मुस्कुराना चाहिए
दोस्ती सच्ची किसी से है अगर
गर्दिशों में काम आना चाहिए
छोड़ बातें मजहबी उन्माद की
प्रेम के ही गीत गाना चाहिए
नफरतों से क्या मिला है आज तक
आपसी सद्भाव लाना चाहिए
साथ कोई दे, न दे चिन्ता नहीं
हाथ रब का साथ रहना चाहिए
चार दिन की जिन्दगी है याद रख
बन मुसाफिर काट लेना चाहिए
हैं अँधेरे जिन्दगी में क्या फिकर
नाम तेरा जगमगाना चाहिए
कृष्ण कल की आज चिन्ता क्यों करें.
हर घड़ी हर पल को जीना चाहिए
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद.
02-12-2017 : ; 06.45p.m.