दर्द भी तू है,हमदर्द भी तू है।
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दर्द भी तू है,हमदर्द भी तू है।
मेरे ज़िंदगी की गर्मी सर्द भी तू है।
जरूरी भी तू है हद से ज्यादा भी तू है।
दवा भी तू है, मर्ज भी तू है।
बादशाहत भी तू है कर्ज भी तू है।
फर्ज भी तू है हर्ज भी तू है।
मेरी आशिकी की नशा भी तू है।
मेरे मुस्कुराने की वजह भी तू है।
मेरे गम की सजा भी तू है।
RJ Anand Prajapati