दर्द देते हैं वो रिश्ते जो भेंट चढ़ जाते हैं अहम की, जहाँ एह
दर्द देते हैं वो रिश्ते जो भेंट चढ़ जाते हैं अहम की, जहाँ एहसास भी अपना वजूद खो बैठता है, रह जाता है दरमियां एक दूसरे के झुकने और टूटने का इंतज़ार !
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
दर्द देते हैं वो रिश्ते जो भेंट चढ़ जाते हैं अहम की, जहाँ एहसास भी अपना वजूद खो बैठता है, रह जाता है दरमियां एक दूसरे के झुकने और टूटने का इंतज़ार !
डाॅ फौज़िया नसीम शाद