दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
कोई आके पुछे हालचाल तो बात बने।।
वो कहता है तेरे सहने की इन्तहां देखनी हैं ।
मैं कहता हू शमशीर गर्दन पर रख तो कोई बात बने।।।
दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
कोई आके पुछे हालचाल तो बात बने।।
वो कहता है तेरे सहने की इन्तहां देखनी हैं ।
मैं कहता हू शमशीर गर्दन पर रख तो कोई बात बने।।।