“दर्द का फसाना”
कुछ गम थे, जिन्दगी के,
जिन्होंने कलम, कॉपी थमाई है।
किया बया करू फसाना अपने दर्द का,
मेरे हालातों ने मेरी जिन्दगी बनाई है।
कुछ गम थे, जिन्दगी के,
जिन्होंने कलम, कॉपी थमाई है।
किया बया करू फसाना अपने दर्द का,
मेरे हालातों ने मेरी जिन्दगी बनाई है।