दर्द अंदरुनी नहीं
कंठ घिस गए हैं चीखते चीखते
आप कहते हैं दर्द अंदरुनी नहीं
आप ही कहें किस तरह से चींखें हम
कि आप को लगे दर्द ये बेमानी नहीं
आईए कि देखिए घिस चुके हैं हम
झूठ है, पत्थरों पे पड़ती निशानी नहीं
~ सिद्धार्थ
कंठ घिस गए हैं चीखते चीखते
आप कहते हैं दर्द अंदरुनी नहीं
आप ही कहें किस तरह से चींखें हम
कि आप को लगे दर्द ये बेमानी नहीं
आईए कि देखिए घिस चुके हैं हम
झूठ है, पत्थरों पे पड़ती निशानी नहीं
~ सिद्धार्थ