Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2021 · 1 min read

दरी-चादर

बेशकीमती चीज ना-परखी में ठुकराई जाती है।
लोग गमगीन समझतें है पर वो मुस्कुराई जाती है।
किसी के घर पे आने पर दरी -चादर नही बिछता,
किसी के आने के इंतजार में पलकें बिछाई जाती है।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2764. *पूर्णिका*
2764. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धरती को‌ हम स्वर्ग बनायें
धरती को‌ हम स्वर्ग बनायें
Chunnu Lal Gupta
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
पतग की परिणीति
पतग की परिणीति
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
"दस ढीठों ने ताक़त दे दी,
*Author प्रणय प्रभात*
कौन गया किसको पता ,
कौन गया किसको पता ,
sushil sarna
Armano me sajaya rakha jisse,
Armano me sajaya rakha jisse,
Sakshi Tripathi
" ख्वाबों का सफर "
Pushpraj Anant
वृक्ष पुकार
वृक्ष पुकार
संजय कुमार संजू
प्रथम मिलन
प्रथम मिलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मां तुम्हें सरहद की वो बाते बताने आ गया हूं।।
मां तुम्हें सरहद की वो बाते बताने आ गया हूं।।
Ravi Yadav
बोल
बोल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*हे!शारदे*
*हे!शारदे*
Dushyant Kumar
कहानी - आत्मसम्मान)
कहानी - आत्मसम्मान)
rekha mohan
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
manjula chauhan
💐प्रेम कौतुक-466💐
💐प्रेम कौतुक-466💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कर्म भाव उत्तम रखो,करो ईश का ध्यान।
कर्म भाव उत्तम रखो,करो ईश का ध्यान।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"ग से गमला"
Dr. Kishan tandon kranti
आज  मेरा कल तेरा है
आज मेरा कल तेरा है
Harminder Kaur
पेट भरता नहीं
पेट भरता नहीं
Dr fauzia Naseem shad
🌷🌷  *
🌷🌷 *"स्कंदमाता"*🌷🌷
Shashi kala vyas
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
न्याय के लिए
न्याय के लिए
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
शेखर सिंह
न दिखावा खातिर
न दिखावा खातिर
Satish Srijan
बोध
बोध
Dr.Pratibha Prakash
*खाओ गरम कचौड़ियॉं, आओ यदि बृजघाट (कुंडलिया)*
*खाओ गरम कचौड़ियॉं, आओ यदि बृजघाट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विपत्ति आपके कमजोर होने का इंतजार करती है।
विपत्ति आपके कमजोर होने का इंतजार करती है।
Paras Nath Jha
अनोखा दौर
अनोखा दौर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Loading...