Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2024 · 1 min read

दरमियान कुछ नहीं

दरमियान कुछ नहीं पर हमारे एक कहानी तो है
जो रह गई अधुरी एक कहानी तो है
राह में भटक रहा था मैं
मिली तुम तो थोड़ा ठहरा तो मैं
कल अलग जब हो जाओगे
दूर नजरों से हो जाओगे
बन के याद बस रह जाओगे
आऊं याद कभी तो तुम बात कर लेना
ना मिलना होगा फिर इस बात को समझ लेना
दरमियान कुछ नहीं पर एक कहानी तो है
जो रह गई अधुरी एक कहानी तो है
राह में भटक रहा था मैं
मिली तुम तो थोड़ा ठहरा तो मैं

Language: Hindi
11 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
View all
You may also like:
*शिक्षा*
*शिक्षा*
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
हरवंश हृदय
खंडकाव्य
खंडकाव्य
Suryakant Dwivedi
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"गुरु पूर्णिमा" की हार्दिक शुभकामनाएं....
दीपक श्रीवास्तव
मन की बात
मन की बात
पूर्वार्थ
इंडिया दिल में बैठ चुका है दूर नहीं कर पाओगे।
इंडिया दिल में बैठ चुका है दूर नहीं कर पाओगे।
सत्य कुमार प्रेमी
तस्वीर
तस्वीर
Dr. Mahesh Kumawat
जाम सिगरेट कश और बस - संदीप ठाकुर
जाम सिगरेट कश और बस - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
धर्म आज भी है लोगों के हृदय में
धर्म आज भी है लोगों के हृदय में
Sonam Puneet Dubey
..
..
*प्रणय प्रभात*
बाजार  में हिला नहीं
बाजार में हिला नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
Buddha Prakash
“जब से विराजे श्रीराम,
“जब से विराजे श्रीराम,
Dr. Vaishali Verma
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
Vivek Ahuja
नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
3848.💐 *पूर्णिका* 💐
3848.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" फिरौती "
Dr. Kishan tandon kranti
ज़रा इतिहास तुम रच दो
ज़रा इतिहास तुम रच दो "
DrLakshman Jha Parimal
अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
Taj Mohammad
An Evening
An Evening
goutam shaw
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
Kumar lalit
*धूम मची है दुनिया-भर में, जन्मभूमि श्री राम की (गीत)*
*धूम मची है दुनिया-भर में, जन्मभूमि श्री राम की (गीत)*
Ravi Prakash
बेटी
बेटी
Akash Yadav
" यादों की शमा"
Pushpraj Anant
तूफ़ान कश्तियों को , डुबोता नहीं कभी ,
तूफ़ान कश्तियों को , डुबोता नहीं कभी ,
Neelofar Khan
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
Paras Nath Jha
घाव बहुत पुराना है
घाव बहुत पुराना है
Atul "Krishn"
Loading...