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27 Mar 2017 · 1 min read

!! दरख्त तेरी छान प्यारी !! (पेड़ तेरी छाव प्यारी)`पंजाबी कविता

तैनू सजदा करा
तेरी मीठी छान
मैनू चंगी लगदी
मैं सोनवा तेरी छाव
मनमोहनी लगदी
सिखर दोपहर
सो जानव मंजी डा के
नीद विच मीठी
हवा मेनू मिलदी
पता नहीं
क्यूं लोकी तैनू
वडन वास्ते
चुकदे ने टोके
अपने हाथां विच
नादान ने बड़े
बेदर्दी वि ने
अपने सुख दि
खातिर वि
ओ पर्वाहं नहीं करदे
बन्दे लगांदे
नहीं दर्खता नू
वड वड के लकडिया
सारी सुवा करदे
रबा दे दे इन्हा नू
थोड़ी जही अकल
राही दे वास्ते
एह दरखत
देख किनी हवा करदे

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 403 Views
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