Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

दरख़्त के साए में

दरख्त के साये में,
कभी-कभी रौशनी ‘झिलमिलाती है।

रास्ते का इक तन्हा वो दरख्त
जिसकी बूढ़ी टहनियों पर
कभी परिन्दों ने घर बनाएं
तो कभी घर उजाड़े भी हैं।

कभी तेज हवाओं ने
हरे पत्तों को तंग किया
तो कभी सुनहरे पत्तों को तोड़ा भी है।
कभी तूफान में,
राहगिर के लिए वह छत बना,
बारिश में बूँद-बूँद पीता रहा,
तो कभी आंधीयों संग मचलता भी है।

कभी यही दरख्त,
मुसाफिरों का हमराज़ भी है
किसी के किस्सों में,
चुपके से बतियाने वाला सरफराज भी है।
कभी अकबर के सरीखी ही
होने वाला ना – नुमाईश भी है,
तो कभी बदलते मौसम में
कई यातनाएं, यह दरख्त
सहता भी और पल-पल बढ़ता भी,
ऐसे ही हिम्मतों की मिसाल भी है।

पर अब वक्त के साथ-साथ
वह दरख़्त कमजोर हो चला
वक्त के साथ बूढ़ा हो चला
पत्तियाँ सुनहरी होकर सूख गई
टहनियां खूब बढ़कर टूट गई
हवाएं मचलती हुई उसे झुकाने लगी।
पर उसके आगोश में अभी भी कई यादें ठहरी हैं
मुसाफिरों की कई कहानियाँ अधूरी हैं,
जो कभी दोहराती हैं
तो उसके खोखले बदन में
छोटी सी एक हरियाली उभर आती है।

दरख्त के साये में,
कभी – कभी रौशनी झिलमिलाती है।

Language: Hindi
92 Views

You may also like these posts

3003.*पूर्णिका*
3003.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं भागीरथ हो जाऊ ,
मैं भागीरथ हो जाऊ ,
Kailash singh
राम जीवन मंत्र है
राम जीवन मंत्र है
Sudhir srivastava
कठपुतली
कठपुतली
Heera S
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यक्षिणी-9
यक्षिणी-9
Dr MusafiR BaithA
घर से निकले जो मंज़िल की ओर बढ़ चले हैं,
घर से निकले जो मंज़िल की ओर बढ़ चले हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
शेखर सिंह
त्रिभंगी छंद, वीरों को समर्पित
त्रिभंगी छंद, वीरों को समर्पित
Annapurna gupta
मौसम
मौसम
Bodhisatva kastooriya
अच्छे नहीं है लोग ऐसे जो
अच्छे नहीं है लोग ऐसे जो
gurudeenverma198
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गफलत।
गफलत।
Amber Srivastava
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सौ सदियाँ
सौ सदियाँ
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*नर से कम नहीं है नारी*
*नर से कम नहीं है नारी*
Dushyant Kumar
चमक..... जिंदगी
चमक..... जिंदगी
Neeraj Agarwal
"आईना "
Dr. Kishan tandon kranti
संकट..
संकट..
Sushmita Singh
शायरी
शायरी
Rambali Mishra
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
सत्य कुमार प्रेमी
पेड़ और ऑक्सीजन
पेड़ और ऑक्सीजन
विजय कुमार अग्रवाल
■ बन्द करो पाखण्ड...!!
■ बन्द करो पाखण्ड...!!
*प्रणय*
लौटेगी ना फिर कभी,
लौटेगी ना फिर कभी,
sushil sarna
शिल्प के आदिदेव विश्वकर्मा भगवान
शिल्प के आदिदेव विश्वकर्मा भगवान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"मन" भर मन पर बोझ
Atul "Krishn"
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
Loading...