दरख़्त की चढ़ाई
खुद को तैयार करना होगा
खुद को मज़बूत करना होगा
चाहिए हौसला भी तुमको
जो करनी हो दरख़्त की चढ़ाई।
होता है बहुत बड़ा पेड़ उसका
बढ़ा लोगे शुरुआती कदम तुम
आधी जीत हो जायेगी तुम्हारी
मुश्किल भी नहीं है दरख़्त की चढ़ाई।
बाधाएं फिर भी आएंगी
टहनियां उसकी रोकेगी तुमको
लेकिन तुमको और आगे
करनी है उस दरख़्त की चढ़ाई।
पहुंचना है शिखर पर तुमको
देख पाएगी ये दुनिया भी
तभी तुमको, पहुंच जाओगे
जब तुम दरख़्त के शिखर पर।।