दया से हमारा भरो माँ खज़ाना
दया से हमारा भरो माँ खज़ाना
हमें मात अम्बे कभी मत भुलाना
कहीं पाप की राह पर चल न दें हम
हमें दुर्गुणों से सदा माँ बचाना
अगर हार देना हमें माँ यहाँ तो
सफलता का अमृत भी हमको पिलाना
नहीं लक्ष्य से मन भटकने ये पाए
इसे मार्ग बस मोक्ष का माँ दिखाना
अगर भूल हमसे कोई हो भी जाए
हैं संतान तेरी गले माँ लगाना
ये अरदास माँ कर रही ‘अर्चना’अब
कभी हाथ अपना न हमसे छुड़ाना
डॉ अर्चना गुप्ता