दरबारी मीडिया
रहजनों से
उम्मीद-ए-रहनुमाई है!
ऐ नासमझ मुसाफ़िर,
तेरी दुहाई है!!
क्यों वे हुक़्मरानों का
पर्दाफाश करें!
क्या ख़बरनवीसों की
शामत आई है!!
Shekhar Chandra Mitra
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