Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2021 · 1 min read

थोड़ा है थोड़े की जरूरत है

थोड़ा है थोड़े की जरूरत है

थोड़ा है थोड़े की जरूरत है
पीड़ा है मरहम की जरूरत है

सपने हैं आसमां की जरूरत है
मंजिल है साहिल की जरूरत है

रिश्ते हैं अपनेपन की जरूरत है
मिलते हैं चाहत की जरूरत है

गीत है संगीत की जरूरत है
मीत है प्रीत की जरूरत है

किस्से है किरदार की जरूरत है
खिलते हैं खुशबू की जरूरत है

कहते हैं कहने की जरूरत है
अन्धेरा है उजाले की जरूरत है

खोया है पाने की चाहत है
जीवन है जीने की जरूरत है

कहना है सुनने की जरूरत है
रोता हूँ हंसने की चाहत है

संगीत है सुनने की जरूरत है
हंसता हूँ खिलने की चाहत है

संभालता हूँ जीने की चाहत है
हौसला हूँ जीतने की चाहत है

थोड़ा है थोड़े की जरूरत है
पीड़ा है मरहम की जरूरत है

सपने हैं आसमां की जरूरत है
मंजिल है साहिल की जरूरत है

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

सपनों की उड़ान: एक नई शुरुआत
सपनों की उड़ान: एक नई शुरुआत
Krishan Singh
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
Phool gufran
ये धुंध नहीं दीवाली की
ये धुंध नहीं दीवाली की
Anil Kumar Mishra
Story of homo sapient
Story of homo sapient
Shashi Mahajan
युद्ध के मायने
युद्ध के मायने
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
तुम इतने आजाद हो गये हो
तुम इतने आजाद हो गये हो
नेताम आर सी
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
- चांद का टुकड़ा -
- चांद का टुकड़ा -
bharat gehlot
तुम और मैं
तुम और मैं
NAVNEET SINGH
राख के ढेर की गर्मी
राख के ढेर की गर्मी
Atul "Krishn"
काश !
काश !
Akash Agam
मंथन
मंथन
Ashwini sharma
*अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश (कुंडलिया)*
*अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बस इतनी सी चाह हमारी
बस इतनी सी चाह हमारी
राधेश्याम "रागी"
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
Rj Anand Prajapati
*जीने न दें दो नीले नयन*
*जीने न दें दो नीले नयन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नव वर्ष के आगमन पर याद तुम्हारी आती रही
नव वर्ष के आगमन पर याद तुम्हारी आती रही
C S Santoshi
"शौर्य"
Lohit Tamta
पेड़ कटता जा रहा झूठे विकासों में ।
पेड़ कटता जा रहा झूठे विकासों में ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
" प्रार्थना "
Chunnu Lal Gupta
"प्रकृति-विकृति-संस्कृति"
Dr. Kishan tandon kranti
चर्चित हो जाऊँ
चर्चित हो जाऊँ
संजय कुमार संजू
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
मेरा नहीं है
मेरा नहीं है
Minal Aggarwal
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
3173.*पूर्णिका*
3173.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक तरफ़ा मोहब्बत
एक तरफ़ा मोहब्बत
Madhuyanka Raj
जिन्दादिली
जिन्दादिली
Ragini Kumari
खुद का साथ
खुद का साथ
Vivek Pandey
मुस्कुराने का बहाना
मुस्कुराने का बहाना
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
Loading...