थोड़ा हँस भी दो ना
वतन पर संकट लाया ।
एक रोग भयंकर आया ।
खतरे में पड़ी मानवता ,
चहुँओर अंधकार छाया ।
आओ मेरे वीर जवान ।
दिखाए हिन्द की शान ।
कंधे से कंधा मिलाकर,
दिखाए अपनी पहचान ।
मिट्टी का चुकाने कर्ज ।
करने सहभागिता दर्ज ।
जो लगे हमारी सेवा में,
बन सहायक निभाए फर्ज ।
जो है दीन दुःखी असहाय ।
उनको भरपेट खाना खिलाय ।
देखकर यह सब ईश्वर भी ,
जल्द ही महामारी भगाय ।
छोड़ो ये रोना धोना ।
थोड़ा हँस भी दो ना ।
घर पर ही हम रहकर ,
भगाएंगे हम कोरोना ।
।।जेपीएल।।