थोड़ा हैं तो थोड़े की ज़रुरत हैं
ढेर सारा झगड़ा और थोड़ा बहुत प्यार…..ये सिर्फ पति पत्नी मे ही होता हैं पर यहा थोड़ा प्यार से मेरा मतलब कम प्यार से नही हैं बस बात इतनी होती हैं
“थोड़ा हैं थोड़े की ज़रुरत हैं ”
मेने करीब एक महीने पहले से पतिदेव से कह रखा था मैं इस बार तुम्हारे लिए भूखी प्यासी नही रहूगी…तीज का व्रत नही रखूगी और पतिदेव ने भी कह दिया की मत रखना व्रत से कुछ नही होता और ये सब कुछ 1 महिने पहले ही तय हो गया था
फिर आया तीज के एक दिन पहले का दिन …पतिदेव ने ध्यान दिया की उनकी वो पत्नी जो तीज के एक दिन पहले नए कपड़े ,काजल,बिन्दी और ना जाने क्या क्या लेती थी पता नही इस बार क्या था????
फिर बोले मुझसे मेहदी नही लगवानी और सवाल पूछकर जवाब भी खुद ने ही दे दिया कि हा तुम तो व्रत नही रख रही ना मैने भी बिना देर किये हाँ बोल दिया l
तीज के अगले दिन हम गनपती लाते हैं घर तो हम कुछ साज़ सज्जा का सामान लेने निकल पडे और देखते देखते रात का 11 बज़ गया और मेरे मन मे चल रहा था की कुछ देर मे 12 बज़ जायेगा मे भूखी रह जाऊगी साथ साथ पतिदेव पर भी गुस्सा आ रहा था की जल्दी घर नही चल रहे और एक बार फिर पक्का मन कर लिया की व्रत नही रखना l
घर आते वक़्त मेने ऐसे ही कह दिया की पानी पूरी खाने का मन हो रहा तो पतिदेव बोले इतनी रात को कहाँ मिलेगी और रस्ते मे देखते हुए आये की कोई भूला भटका मिल जाये पानी पूरी लिए …पर कोई नही मिला फिर हम घर आ गया और पतिदेव कुछ काम हैं बोलकर चले गए
11:30 बजे गोल गप्पे लेकर आये बोले अभी टाइम हैं जल्दी खा लो
मैं चाह तो रही थी बोल दू मैं नही रख रही व्रत पर कैसे बोलती ….जैसे ही मेने गोल गप्पे देखे उसमे मटर ,तीखा पानी, हरी चटनी थी तो मेने बोला आलू कहाँ हैं तो बोले उसके पास इतना ही बचा था
मेने कहाँ
“थोड़ा हैं तो थोड़े की ज़रुरत हैं ”
और मेरा व्रत भी शुरू हो गया ….. सभी तो हरतालिका तीज की शुभकामनाए 🙏