थोड़ा सा तो जी लूँ !
ग़मों ने मारा है मुझे बस थोड़ा सा तो जी लूँ!
प्यासा हूँ बड़ी मुद्दत से ज़रा दो घूँट तो पी लूँ!
कहते हैं सब मुझ से जो आया हैं वो जायेगा!
अभी कुछ साँस बाक़ी है दो क़तरा तो जी लूँ!
मर जाऊँ तेरा हो कर यही ख़्वाहिश है मेरी!
वफ़ा की उधड़ी तुरपाई फिर इक बार सी लूँ!
कभी भी रोया नहीं हूँ मैं साहिल की तमन्ना में!
अभी तो बस उम्मीद टूटी है दो आँसू तो पी लूँ!