थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
जिम्मेदारियां रुकने नही देती…
अपनों संग समय बिताना चाहता हू,
उनकी खुवाइसे, पास आने नही देती…
देखा है बहुतों को पैसे की वजह से टूटते हुए,
सोच कर यह, कमाने निकल पड़ता हू…
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
जिम्मेदारियां रुकने नही देती…
अपनों संग समय बिताना चाहता हू,
उनकी खुवाइसे, पास आने नही देती…
देखा है बहुतों को पैसे की वजह से टूटते हुए,
सोच कर यह, कमाने निकल पड़ता हू…