Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2021 · 1 min read

” थैंक्यू …थैंक्यू …थैंक्यू “

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
================
कखनो- कखनो हमरा इ लगैत अछि जे हम उत्तरी ध्रुब वा दक्षिण ध्रुबक वासी त नहि छी ? छह मास सुतब आ छह मास जागब ! सुतल छी त सुतल छी जखन छह मासक बाद जागब तखन देखल जायत ! हम अपन अकाउंट खोलि सोशल मिडिया मे झंडा फहरा देने छिये ! फ्रेंड लिस्ट मे हम सबसें आगू छी ! हम नहि अपन पता ठेकान किनको देवनि ! रहब लुधियाना मे आ कहब पटना रहैत छी ! एहिसं त गूगल कें धन्यवाद् देव, आर किछु हुये वा नहि हुये जन्म दिनक अवसर पर सब मित्र लोकनि कें सूचना द देल जायेत छैक ! आ हम कुम्भकरणक नींद
सं जागि जाईत छी आ …थैंक्यू ..थैंक्यू …थैंक्यू लिखि कें पुनः कोनो ध्रुब मे घुसिया जाइत छी !
=========================================================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
शिव पहाड़
दुमका
झारखण्ड
पिन -८१४१०१

Language: Maithili
Tag: लेख
135 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कभी सुलगता है, कभी उलझता  है
कभी सुलगता है, कभी उलझता है
Anil Mishra Prahari
मां का दर रहे सब चूम
मां का दर रहे सब चूम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
होली आ रही है रंगों से नहीं
होली आ रही है रंगों से नहीं
Ranjeet kumar patre
पुस्तकें
पुस्तकें
नन्दलाल सुथार "राही"
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
अन्तर्मन की विषम वेदना
अन्तर्मन की विषम वेदना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
भय भव भंजक
भय भव भंजक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पीड़ाएं सही जाती हैं..
पीड़ाएं सही जाती हैं..
Priya Maithil
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
हीरा जनम गंवाएगा
हीरा जनम गंवाएगा
Shekhar Chandra Mitra
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किस्मत
किस्मत
Neeraj Agarwal
हिंदू कौन?
हिंदू कौन?
Sanjay ' शून्य'
बहती नदी का करिश्मा देखो,
बहती नदी का करिश्मा देखो,
Buddha Prakash
प्यार की कलियुगी परिभाषा
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
3283.*पूर्णिका*
3283.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
shabina. Naaz
नौका विहार
नौका विहार
Dr Parveen Thakur
गंगा अवतरण
गंगा अवतरण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आगोश में रह कर भी पराया रहा
आगोश में रह कर भी पराया रहा
हरवंश हृदय
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
*बस एक बार*
*बस एक बार*
Shashi kala vyas
"नींद की तलाश"
Pushpraj Anant
आतंकवाद
आतंकवाद
नेताम आर सी
तुम्हारे हमारे एहसासात की है
तुम्हारे हमारे एहसासात की है
Dr fauzia Naseem shad
■ मुक्तक...
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
हिंदी दोहा- महावीर
हिंदी दोहा- महावीर
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...