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30 Aug 2021 · 1 min read

थाम लो हाथ मेरा

थाम लो हाथ मेरा

थाम लो हाथ मेरा बिखर ना जाऊं कहीं

राहें हैं बहुत पथरीली गिर ना जाऊं कहीं

दूर-दूर तक खामोश है ये रास्ते आज भी

चलते चलते इन पर खो ना जाऊं कहीं

सफर है लंबा बहुत मौसम है बदल रहे पल

पल पहुंचते-पहुंचते मंजिल तक बदल ना जाऊं कहीं

मुश्किल है राहे मोहब्बत की बहुत दुश्मन है जमाना

बरसों से दिल वालों का लगता है डर के जुदा ना हो जाऊं कहीं

दौड़ रहा वक्त तेज रफ्तार से जोड़ लो अभी नाता रिश्ता कि

छूट ना जाऊं फिर कहीं ,थाम लो हाथ मेरा बिखर ना जाऊं कहीं ||

‘कविता चौहान’

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 2 Comments · 440 Views
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