थम जाती जब सांस
तज देते सब मोह को,थम जाती जब सांस ।
तीख़ा देते घाव वो , जो हों दिल के पास ।।
जो हों दिल के पास , लोग वो बड़ा सताते ।
ना जाने दिन रात , याद वो हरदम आते ।।
कहते श्री कविराय , सांस जब तक हैं लेते।
होता तब तक लाड़ , बाद में सब तज देते ।।