थक गये चौकीदार
रात दिना कर चौकीदारी, थक गये चौकीदार l
चोर माफिया ठग जितने सब, अब बन गये हैं परिवार ll
था चार सौ का जब सिलेण्डर, करते थे लुंगी डांस ll
अब महगांई पे बात करो तो, फूलन लागत सांस ll
पचास किलो से यूरिया, हो गयी पैंतालिस केजी l
रोजगार तो सपना हो गयो, फिर पेपर लीकी सीखी ll
करे बतकही चौराहे पर, योगीराज महान l
लेकिन साढ़न ने गेंहू चर लै, का खंय्ये साल तमाम ll
चौकीदारी मंहगी पढ़ रही, का करिये करतार l
घर में लड़का रडुआ घूमत, नाई हो रहें ब्याह ll
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सर्वाधिकारी सुरक्षित
श्याम सिंह लोधी तेजपुरिया