Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2022 · 1 min read

थक गया हूं जिन्दगी

थक गया हूं जिन्दगी
अब राह कुछ तो दे

गिर गया हूं मैं
तू फिर से उठा दे

करना था सपना पूरा
पर हुआ कुछ नहीं

टूट गया सपना
बचा कुछ नहीं

ये जिन्दगी तुझसे
मैं हारा इस कदर

टूटा हूं इस कदर
बिखरा हूं इधर उधर

✍️✍️ Dheerendra Panchal (Dheeru)

Language: Hindi
4 Likes · 498 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उसका होना उजास बन के फैल जाता है
उसका होना उजास बन के फैल जाता है
Shweta Soni
कोहरा काला घना छट जाएगा।
कोहरा काला घना छट जाएगा।
Neelam Sharma
Opportunity definitely knocks but do not know at what point
Opportunity definitely knocks but do not know at what point
Piyush Goel
उम्र भर का सफ़र ज़रूर तय करुंगा,
उम्र भर का सफ़र ज़रूर तय करुंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
वो इश्क की गली का
वो इश्क की गली का
साहित्य गौरव
Some battles are not for us to win- and some battles are not
Some battles are not for us to win- and some battles are not
पूर्वार्थ
🎋🌧️सावन बिन सब सून ❤️‍🔥
🎋🌧️सावन बिन सब सून ❤️‍🔥
डॉ० रोहित कौशिक
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
Ashwani Kumar Jaiswal
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ନବଧା ଭକ୍ତି
ନବଧା ଭକ୍ତି
Bidyadhar Mantry
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
Keshav kishor Kumar
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
वक़्त की फ़ितरत को
वक़्त की फ़ितरत को
Dr fauzia Naseem shad
लोग कितनी आशा लगाकर यहाॅं आते हैं...
लोग कितनी आशा लगाकर यहाॅं आते हैं...
Ajit Kumar "Karn"
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
कृष्णकांत गुर्जर
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
होली पर बस एक गिला।
होली पर बस एक गिला।
सत्य कुमार प्रेमी
"दुधावा डैम"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक - वक़्त
मुक्तक - वक़्त
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#परिहास
#परिहास
*प्रणय प्रभात*
दहन
दहन
Shyam Sundar Subramanian
स्वयं को सुधारें
स्वयं को सुधारें
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
पश्चाताप का खजाना
पश्चाताप का खजाना
अशोक कुमार ढोरिया
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
4303.💐 *पूर्णिका* 💐
4303.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
Neeraj Mishra " नीर "
Loading...