थक गई हूं
ज़िंदगी की उलझनों में
मैं खुदको खो सी गई हूं
हालातों से लड़ते लड़ते
मैं अब थक सी चुकी हूं
अपने इस अकेलेपन से
मैं टूटके बिखर सी गई हूं
फरेबी चेहरों के मुखोटों से
मैं परेशा सी हो गई हूं
इस मतलबी दुनियां से खुदा
मैं अब ऊब सी गई हूं।
~ Silent Eyes