Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

थक गई हूं

ज़िंदगी की उलझनों में
मैं खुदको खो सी गई हूं

हालातों से लड़ते लड़ते
मैं अब थक सी चुकी हूं

अपने इस अकेलेपन से
मैं टूटके बिखर सी गई हूं

फरेबी चेहरों के मुखोटों से
मैं परेशा सी हो गई हूं

इस मतलबी दुनियां से खुदा
मैं अब ऊब सी गई हूं।
~ Silent Eyes

2 Likes · 446 Views

You may also like these posts

महफ़िल जो आए
महफ़िल जो आए
हिमांशु Kulshrestha
"पनाहों में"
Dr. Kishan tandon kranti
#शेर-
#शेर-
*प्रणय*
चाँद के पार
चाँद के पार
श्रीहर्ष आचार्य
कुछ नमी अपने साथ लाता है ।
कुछ नमी अपने साथ लाता है ।
Dr fauzia Naseem shad
*वृक्ष लगाओ हर साल*
*वृक्ष लगाओ हर साल*
Krishna Manshi
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"नफरत"
Yogendra Chaturwedi
व्याकुल हृदय
व्याकुल हृदय
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
ऊटपटाँग
ऊटपटाँग
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
4108.💐 *पूर्णिका* 💐
4108.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
सुनों....
सुनों....
Aarti sirsat
इश्क़
इश्क़
शिवम "सहज"
- घर -घर की बाते -
- घर -घर की बाते -
bharat gehlot
चिड़ियाघर
चिड़ियाघर
Dr Archana Gupta
गीत ____ मां के लिए
गीत ____ मां के लिए
Neelofar Khan
भले हमसफर ऊ...
भले हमसफर ऊ...
आकाश महेशपुरी
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
डॉ. दीपक बवेजा
वातावरण
वातावरण
MUSKAAN YADAV
इंसानियत का वुजूद
इंसानियत का वुजूद
Shyam Sundar Subramanian
मानव की बाधाएं
मानव की बाधाएं
Ashwini sharma
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
नाम बदलें
नाम बदलें
विनोद सिल्ला
*
*"माँ महागौरी"*
Shashi kala vyas
अम्बर में लटके शब्द
अम्बर में लटके शब्द
Kapil Kumar Gurjar
जिंदगी,रास्ते
जिंदगी,रास्ते
पूर्वार्थ
*जिह्वा पर मधु का वास रहे, प्रभु ऐसी श्रेष्ठ कृपा करना (राधे
*जिह्वा पर मधु का वास रहे, प्रभु ऐसी श्रेष्ठ कृपा करना (राधे
Ravi Prakash
Loading...