थक गई हूं मैं
थक गई हूं मैं
हर रिशते को सफाईयां देते देते
सम्मान और प्रेम की दुहाईयां देते- देते
थक गई हूं मैं
सब के ताने सुनते -सुनते
उधड़ी हुई जिंदगी को रोज़ बुनते- बुनते
थक गई हूं मैं
घर का काम करते- करते
परिवार वालों की हां में हां भरते- भरते
थक गई हूं मैं
सब को खुश करते -करते
मुस्कुराहट लिए चेहरे पे रोज मरते -मरते
थक गई हूं मैं
खुद को सजाते -सजाते
मां बहन बेटी बहन का चरितर निभाते- निभाते
थक गई हूं मैं
तन्हा रहते रहते
जो मिल ना सका उस की यादों में बहते -बहते
थक गई हूं मैं
समाज में तिरस्कार सहते -सहते
पौरूषतव के धारे मे रोज बहते -बहते
थक गई हूं मैं
सीता की तरह अगिनपरीक्षा देते -देते
अपने पवितर चरितर की समीक्षा देते- देते
थक गई हूं मैं
आलोचनाएं सहते -सहते
और अपने मन की बात कहते- कहते
थक गई हूं मैं, थक गई हूं मैं थक गई हूं मैं
बहुत थक गई हूं ,मैं बहुत थक गई हूं मैं
Sorry there r some mistakes in spellings as I don’t know hindi typing very well.