Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2019 · 1 min read

थकावट छू मंत्र

थकावट छू मंत्र

हर रोज
थक जाता है
दोलो-दिमाग
शहर के वाहनों की
पों-पों सुनकर
सहकर्मियों की
चिक-चिक सुनकर
अधिकारियों की
बक-बक सुनकर
घर आने पर
मुख्यद्वार पर बैठी
चिड़ियों की चीं-चीं
कर देती है
मेरी थकावट
छू मंत्र

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

रफू भी कितना करे दोस्ती दुश्मनी को,
रफू भी कितना करे दोस्ती दुश्मनी को,
Ashwini sharma
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
पूर्वार्थ
प्रेमी चील सरीखे होते हैं ;
प्रेमी चील सरीखे होते हैं ;
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सरफिरे ख़्वाब
सरफिरे ख़्वाब
Shally Vij
"अफवाहें "
Dr. Kishan tandon kranti
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
मैं अवनि...
मैं अवनि...
Santosh Soni
संवेदना
संवेदना
Karuna Bhalla
* सताना नहीं *
* सताना नहीं *
surenderpal vaidya
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
दुर्मिल सवैया
दुर्मिल सवैया
Rambali Mishra
धरती पर स्वर्ग
धरती पर स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Tu Mainu pyaar de
Tu Mainu pyaar de
Swami Ganganiya
"जीवन-ज्योति"
Prabhudayal Raniwal
कुण्डलियां छंद-विधान-विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
कुण्डलियां छंद-विधान-विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
कहते- कहते रह गया,
कहते- कहते रह गया,
sushil sarna
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
Neelam Sharma
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
Subhash Singhai
हो विसर्जन
हो विसर्जन
Seema gupta,Alwar
हर जमीं का कहां आसमान होता है
हर जमीं का कहां आसमान होता है
Jyoti Roshni
IWIN iwin89.com | Hệ thống game bài IWINCLUB, web đánh bài I
IWIN iwin89.com | Hệ thống game bài IWINCLUB, web đánh bài I
Iwin89
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हम गलत को गलत नहीं कहते हैं
हम गलत को गलत नहीं कहते हैं
Sonam Puneet Dubey
घर परिवार पड़ाव - बहाव में ठहराव
घर परिवार पड़ाव - बहाव में ठहराव
Nitin Kulkarni
*पत्थर तैरे सेतु बनाया (कुछ चौपाइयॉं)*
*पत्थर तैरे सेतु बनाया (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
प्यार तो हम में और हमारे चारों ओर होना चाहिए।।
प्यार तो हम में और हमारे चारों ओर होना चाहिए।।
शेखर सिंह
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
जरूरी नहीं ऐसा ही हो तब
जरूरी नहीं ऐसा ही हो तब
gurudeenverma198
।।
।।
*प्रणय*
Loading...