त्रुटि ( गलती ) किसी परिस्थितिजन्य किया गया कृत्य भी हो सकता
त्रुटि ( गलती ) किसी परिस्थितिजन्य किया गया कृत्य भी हो सकता है । गलती के आधार का विश्लेषण करके ही दंड का निर्धारण किया जाना उचित होगा अन्यथा गलती अपराध का रूप ले सकती है । अपराधबोध की असहजता ही कभी कभी गहन अपराध की ओर अग्रसर करती है । इस मनोवैज्ञानिकता को आत्मसात करके ही समस्या का समाधान करे।
लीना आनंद