त्रिपदा
त्रिपदा छंद
आओ अब मनमीत
मिले तुम्हारा साथ
गायें मोहक गीत।
सावन आये आज
तपिश जाय अब भाग
खुले स्नेह का राज।
बैठेंगे हम पास
मोहक होगी बात
जागेगी प्रिय आस।
चला करेगा प्यार
इसे कभी मत रोक
उर्मिल हो बौछार।
मस्तानी हो चाल
दिल का धागा जोड़
उर में मधु लय ताल।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।