त्यौहार की बेला, और मैं अकेला…
त्यौहार की बेला,
और मैं अकेला,
कैसे मनाए होली,
पास नहीं हमजोली,
किसको लगाए रंग,
वो नहीं आज संग,
त्यौहार की बेला,
और मैं अकेला,
बिन उनके सब खाली,
फीकी फीकी खुशहाली,
कोना कोना हुआ मौन,
बैठे गुमसुम छेड़े कौन,
त्यौहार की बेला,
और मैं अकेला,
हर पल उनकी याद सताती,
मेरे मन को बहुत लुभाती,
जब आँखे बंद करता,
उनकी ही छवि पाता,
त्यौहार की बेला,
और मैं अकेला,
जब जब देखूँ गलियों में,
खिली फूलों की कलियों में,
यहाँ वहाँ उनको ही खोजता,
सबसे हाल उनके पूछता,
त्यौहार की बेला,
और मैं अकेला,