त्योहार
स्वर्णमुखी छंद
त्योहार
मिल कर सब लोहड़ी मनाएं।
प्रेम शाख पर फूल खिला कर,
सब धर्मों को गले लगा कर,
हर उत्सव का जश्न मनाएं।
कभी प्रेम के दीप जलाएं।
सांता बनकर मौज उड़ाएं,
कुछ सेवइयां खा कर आएं,
होली के भी रंग उड़ाएं।
एक गगन है एक धरा है।
वही शशि और वही सितारे,
वायु एक है एक नजारे,
कई फूलों से चमन भरा है।
एक देश में मिलकर रहना।
हम भारतीय मिलकर कहना।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश